मंगलवार, 14 जुलाई 2009

मेरी मदद तो करो यारो क्या यह सच नही ?

चार वेद हर देश के हर व्यक्ति के कर्मों को किस प्रकार किया जाए बताते हें तथा पांचवां वेद जिस का कोई अस्तित्व नही हे परन्तु इन्ही चारों वेदों में यह हे इस को यदि देखा जावे तो हर धर्म जो सनातन धर्म से जुड़ाहुआ हे {जुदा नही हे }इसी पांचवें वेद का अनुसरण करते हें जेसे हिंदू ,मुस्लिम,सिख,इसाई ,चारों धर्म आपस में छोटे बडे भाई हो कर भी एक ही समान होते हें क्या इन चारों धर्मों ने कभी किसी को चोरी करने /व्यभिचार करने /झूठ बोलने /इर्षा करने /एक दुसरे से राग द्वेष रखने /गरीब कमजोर पर अत्या चार करने की शक्षा दी हे क्या इनमे से कोई किसी को गुमराह करना ,बचों बूढों ओरतों निह्थों और बेसहारा अनाथो को तंग करने या मारने की आज्ञा देता हे ?क्या इन्हों ने कभी किसी मनुष्य जीव प्राणी की रक्षा मदद करने से रो का हे जरा आज अपने आप में झांकें की हम चारों धर्म कहाँखडे हें --क्या हम सनातन से जुड़े हें या जुदा हें जो जुदा हे वो सनातन का केसे हो सकता हे ?जो जुडा हे वही सनातन धर्म का अनुसरण करता हे ऐसा व्यक्तित्व तो एक ही नजर आता हे जो उपरोक्त चारों धर्मों में देखा जा सकता हे सभी उसे भगत संत या फकीर के रूप में जानते हें

10 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छे भाव की प्रस्तुति।

    मंदिर को जोड़ते जो मस्जिद वही बनाते
    मालिक है एक फिर भी जारी लहू बहाना

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  2. हिन्दी ब्लाग्स की दुनिया में आपका स्वागत है. पड कर अच्छा लगा, इस प्रयास के लिये आप को बधाई, हिन्दी. बस इसी तरह लिखते रहिये, और हम पड्ते रहेंगे.

    चारुल शुक्ल
    मेरे लेखो के लिये आइये
    http://dilli6in.blogspot.com

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  3. बहुत सही लिखा है , धर्म आसरा और सहारा है , पर आज हालात कुछ ओर है ओर इस हालात को सही करने की कुव्वत भी के धर्म मे ही है

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  4. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  5. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…

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  6. fifth वेद ?
    नारी वेद है पांचवां,कहें सयाने लोग
    मुश्किल इसका समझना,पोथी पढ़ने जोग
    योग्य
    shyam skha


    इस दावे के साथ की यहां आपका समय व्यर्थ नहीं जाएगा-आमन्त्रण

    ‘कौन पूछे है, लियाकत को यहाँ पर
    पेट भरना है तुझे तो तोड़ पत्थर’

    इस गज़ल को पूरा पढ़ने व अन्य गज़लो के लिये यहां पधारें
    http://gazalkbahane.blogspot.com/ पर एक-दो गज़ल वज्न सहित हर सप्ताह या
    दो बूंद हौसला- most recent post
    http://katha-kavita.blogspot.com/ पर कविता ,कथा, लघु-कथा,वैचारिक लेख पढें
    और इस ब्लॉग पर मेरा एक बाल-गीत-
    http://saraspaayas.blogspot.com/2009/06/blog-post_25.html

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  7. आपने बहुत अच्छी चर्चा छेड़ी है। उम्मीद है कुछ सार्थक बातें निकल कर आएंगी। हम भी इसी पथ के यात्री हैं। आशा है कि हमारी खूब निभेगी।
    सिद्धार्थ (सत्यार्थमित्र)

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  8. mitr bhwsagr men aaya hr wykti ishwr se juda hi hokr aata he .phir se uske sath judne ko krm kr kejudta hye or mukt ho jata he .sbhi drmon ki yhi manyta he ki us ishwr se juden wo hmse juda nhi hm hi us se juda hen.kya aapki mdd ke liye kaphi nhi he?

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